Monday, December 21, 2009

आज कल ज़िंदगी .... मुझसे है कह रही
तू जो मेरी माने तो चल दीवाने सपनों की राहों में तू
सारी खुश्बुवों को सारी रोशिनी को ले ले इन बाहों में तू

अब है तू जहां दिन रात सारे नए है
आरज़ू जवान जस्बात सारे नए है
नए रास्ते है तेरे वास्ते क्यूँ रहे इन पनाहों में तू

ओह हो तेरे लिए नयी है ज़मीन नया आस्मां
लिख दे हवाओं पे कोई नयी दास्ताँ
तेरे लिए नयी है ज़मीन नया आस्मां
लिख दे हवाओं पे कोई नयी दास्ताँ

ज़िंदगी में दस्तक भी तो , दिल की सब खिड़कियाँ
खुल गयी हाँ खुल गयी
होटों पे जो जमी थी वो सारी खामोशियाँ
खुल गयी हाँ खुल गयी

कितने लम्हों ने मुझको जैसे हैरान किया
इतनी बातों ने दिल को आके है छु लिया

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